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श्री सत्य नारायण (Motivational Speaker, Writer & Healer)
541ग/19, ग्रीन सिटी, नया हैदरगंज, लखनऊ मो. 9451946930, 7505774581 Email: satya.prajapati99@gmail.com, www.sribriantracypreraksamiti.com
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S. N. Prajapati

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I am Motivational speaker, writer, Reiki Trainer, My workshops on this subjects- Mind Programming and Attract money methods workshops . I am proprietor of Urja Enterprises and MD of Urja Publication. My four books are published 1- विचारों की शक्ति और सफलता 2- सफलता आपकी सोच में है 3- समाधान खोजें और सफल हो जाये 4- विचार परिवर्तन और सफलता And fifth book ready to publish.

Profile of Founder (Sri Satya Narayan)

Penulis : Satya Narayan on Sunday 1 February 2015 | 02:16

Sunday 1 February 2015

सत्य नारायण
541/19, नया हैदरगंज, लखनऊ
मो. 9451946930, 9838763707
संस्थापक एवं अध्यक्ष- सत्य नारायण
 
सामाजिक सेवा -प्रेरक वक्ता़ , लेखक एवं रेकी हीलर, प्राणिक हीलर, साम्भवी साधना हीलर एवं
साइकोथेरेपिस्ट:

1-प्रतिदिन नियमित पे्ररक कार्यषालाओं के द्धारा 4-सभाओं में सेमिनार
2-स्कूलों एवं काॅलेजों में 5-व्यक्तिगत रूप से
3-सार्वजनिक स्थानों पर 6-लेक्चर रिकार्डिंग यू ट्यूब पर उपलब्ध

पे्ररक लेखक के रूप में -इनकी पहली पे्ररक एवं सफल पुस्तक ‘विचारों कीष्षक्ति और
सफलता’ जिसे लोग हाथों-हाथ खरीदकर अपने साथ दूसरों का भी जीवन बदल रहें हैं। उनकी दूसरी
पुस्तक ‘समाधान खोंजें और सफल हो जाएॅ ई-बुक पर amazon.com  पर उपलब्ध है। विष्व भर में
प्रसिद्ध हो रही है। इनकी तीसरी पे्ररक पुस्तक ‘सफलता आपकी सोच में है जो ई-बुक पर
amazon.com पर उपलब्ध है। प्रिन्ट होकर 2015 में आपके हाथों में होगी। इनकी चैथी, पांचवी एवं
छठी पुस्तकें पे्रस में हैं।

इनकी सातवीं पुस्तक टाईम मैनेजमेंट पर लिखी जा रही है एवं ऐसे ही अनेकों पुस्तकों की रचना की
गई है। सन् 1995 में काॅलेज की प्रतियोगिता में लेख ‘नषेबाजी पर प्रतिबन्ध ’के लिए मंच पर सम्मानित
एवं पुरस्कृत किया गया और ‘सबक’ नामक कहानी पत्रिका में प्रकाषित हुई।

दैनिक एवं साप्ताहिक अखबारों में इनके लेख सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाषित होते रहे हैं। पत्रिकाओं
और News Portal पर इनके लेखों को प्रकाषित किया जा रहा है।

रेकी हीलिंग के क्षेत्र में -इन्होंनें Cosmic Rhythm, Indoor, M.P. से रेकी 2nd Degree Course किया है।

Past life regration, love intensive and advance healing course किया है। REIKI 3rd degree and mastership की डिग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं।

इन्होंनें The Hope Healing Academy Delhi से Money Chalisa & Colour Healing का अभ्यास किया है। जिससे इनकी आन्तरिक षक्तियों में लगातार वृद्वि होती ही जा रही है।

इन्होंने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय माउण्ट आबू से 7 कंले कोर्स किया तथा 2008 से
लगातार यहां से आध्यात्मिक ज्ञान लेकर समाज के लोगों को दे रहे हैं।

इन्होंनें आध्यात्म में पी0 जी0 डिप्लोमा एवं एम0 एस0 सी0 कोर्स किया है तथा आध्यात्म में ही पी0 एच0
डी0 की डिग्री पूरी करने वाले हैं।

तेज ज्ञान फाउण्डेषन से भी लगातार षिविर अटेन्ड करते हैं।

इन्होंने प्राणिक हीलिंग षिविर किया है। यह तेज ज्ञान फाउण्डेषन में षिविर अटेण्ड कर रहें हैं तथा
विषेस अतिथि के रूप में उपस्थिति होती है।

आजीवन सदस्य-
1-कबीर षान्ति मिषन 2-मानवाधिकार आयोग 3-नागरिक षक्ति मंच
षैक्षिक योग्यताऐं-
1- मास्टर डिग्री- राजनीतिषास्त्र समाजषास्त्र दर्षनषास्त्र
2-बी0 एड0 3-एम0 फिल0- राजनीतिषास्त्र
 
समाजिक सम्पर्क-1-वैचारिक तूफान साप्ताहिक अखबार 2-पूर्वांचल की बात साप्ताहिक अखबार
3-कर्मश्री मासिक पत्रिका

इन्होंने अपनी सूझबूझ एवं ईष्वर में पूरी आस्था के बल पर हजारों लोगों की जिन्दगियों को सही दिषा
प्रदान की है और इसी कार्य के लिए सम्पूर्ण समर्पित हैं तथा विभिन्न स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करते रहते हैं।
क्योंकि इनका समाज कल्याण ही जीवन का लक्ष्य है।

-सत्य नारायण
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’’मनचाही वस्तु को पाने के लिए, अनचाही वस्तुओं का त्याग करना पड़ेगा।’’

आपको पीड़ा तब होती है, जब आप कोई ऐसा कार्य करते हैं, जिसे करने से किसी न किसी नियम का विरोध हो रहा होता है। अपने दुःख के कारणों की सही पहचान करके उसका त्याग करना होगा और आप दर्दमुक्त हो जायेंगे।

सर्वप्रथम अपनी सोच में ही उस दर्द को खोज़ने की जरूरत है। आप जितना अपने विशय में विचार करके सफल व्यक्तियों से तुलना करना सीखेंगे आप और षक्तिषाली बनते चले जायेंगे। आत्म अवलोकन से ईमानदारी की षक्ति विकसित हो जाती है।
 
जब एक वर्ष की योजना बनाएँ, मक्की बोएँ। जब एक दशक की योजना बनाएँए पेड़ लगाइये। जब जिन्दगी की योजना बनाएँए लोगों को शिक्षित और प्रशिक्षित कीजिए - चीनी कहावत
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कार्य व्यवहार आपके सोच के परिणाम होते है Behabiar is result of your thoughts.

क्या आप यह सोच कर हैरान हो रहें हैं कि इस पल में आप जिस स्थान पर है। आपको वहाँ तक पहुँचाने के लिए अदृष्य षक्ति आपकी मद्द कर रही है। अवष्य ही कोई ऐसी षक्ति है जो आपको वहाँ लेकर जा रही है। जहाँ आपको जाना है। अब आप सोंच रहें होंगे कि वह कौन सी षक्ति है। जिसके सहारे आप चल रहें है। तो उस षक्ति को जानने के लिए तैयार हो जाइए। वह षक्ति है, आपकी सोच। सोच! हाँ सोच। वह भी आपकी ।

क्या आप इस बात से इन्कार कर सकते हैं कि आज आप इस पुस्तक को पढ़ने से पहले इसे पढ़ने के लिए सोचा नहीं होगा ? अवष्य ही आपके मन में ऐसी किसी पुस्तक को पढ़ने का विचार आया होगा। क्योंकि आप ऐसा मार्गदर्षन पाना चाहते होंगे कि कोई व्यक्ति या कोई पुस्तक ऐसी मिल जाती  जो आपको आपके भीतर की उन बातों को निकाल कर आपके सामने रख दे जो आप पाना चाहते हैं। इसलिए ही आपके हाथों मेे यह महान पुस्तक आयी है। जिसे पढ़कर आप महान बनने वाले है।   

“जिसके साथ श्रेश्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।“- स्वामी विवेकानन्द

आप आज जहाँ पर हैं, जिस अवस्था में हैं, वह मात्र आपकी सोच का परिणाम है। जरा सोचिए कि आप इस समय किस स्थान पर हैं और कहाँ हैं? और क्या कर रहें हैं ? और क्यों कर रहें हैं ? आप जो कुछ भी कर रहे हैं वह सब किसके लिए कर रहेे हैं ? जरा सोच कर देखिए कि आपको इन सवालों का कोई सही जबाव मिल रहा है। और आप यह सोच कर हैरान रह जायेंगे कि आपको जो कुछ भी मिला है वह सब आपकी सोच के कारण ही मिला है। तो क्या आज के बाद जो कुछ भी सोचेंगेे और करेंगे तो क्या वे चीजें नहीं मिलेंगी ? विष्वास कीजिए कि आपको अवष्य मिलेंगी। क्योंकि यह ईष्वरीय नियम हैं।

आप धीरे-धीरे उस स्थान पर पहुँच ही जाते हैं, जहाँ पहुँचने के लिए आप सोंच रहे होते हैं। इस प्रक्रिया को आप नहीं बदल सकते। जिस चीज़ को आप बदल नहीं सकते, उसे उसकी हाल पर छोड़ दें। एक साथ आपके मार्ग की अनेकों बाधाएँ समाप्त हो जायेंगी। आप हल्का महसूस करने लगेंगे।
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