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अपनी सफलता को पहचानिए. Recognise your success.

Penulis : Satya Narayan on Tuesday 30 July 2013 | 03:38

Lucknow :  ‘‘लोगों में आपकी चर्चा आपकी सफलता को प्रमाणित करती है।‘‘ हर तरफ आपकी चर्चा होने का स्पश्ट मतलब है कि आप सफल हो रहें है। आपको मालूम है कि आप सद्मार्ग पर महान लक्ष्य की पूर्ति के लिए अग्रसर है तथा स्वयं के साथ ईश्वर पर पूर्ण आस्था है। कुछ लोगों की नजर में आपके विशय में अवश्य ही गलत फहमी हो जायेगी। पहचान के लोगों में आपकी बुराईयां इसलिए होंगी कि दूसरों की तरह आप धन नहीं कमाते और मात्र रचनात्मक कार्यों में अपना समय खर्च करते हैं।



जब आस-पास एवं दूर के लोगों में आपका मजाक बनाया जा रहा
समझदार व्यक्ति ऊंचे स्तर पर इसलिए होते हैं कि वे निम्न स्तर पर रहने वालों को भी ऊपर उठाने की सार्थक कोशिश करते हैं। आप को ऐसे व्यक्तियों से नफरत, घृणा नहीं अपितु सहानुभूति रखनी चाहिए। वे आपको नीचा दिखाने की भावना से खुद को ही नीचे गिरा रहे हैं वे बेचारे दुःखी अवस्था में हैं। विश्वास के नियम को समझने वाले कभी असफल नहीं होते हैं यही प्राकृतिक नियम है। पहचान के लोगों में आपकी बुराईयां इसलिए होंगी कि दूसरों की तरह आप धन नहीं कमाते और मात्र रचनात्मक कार्यों में अपना समय खर्च करते हैं। ईश्वरीय योजनाओं के अनुसार चलने वालों के साथ कोई धन की कमी नहीं होती है लेकिन कुछ नकारात्मक व्यवहार, विचारों वाले लोग इसी बात से आपको नीचे गिराने की असफल कोशिशें करते रहते हैं।
हो, आपके घर वाले भी आपके सादगी भरे व्यवहार से ईर्ष्या करते हों और वे लोग दूसरों से आपकी आलोचना करने लगें तब आप यह समझ लीजिए कि आप बहुत तेजी से सफलता की तरफ बढ़ रहें हैं।
ईश्र्या, द्वेश और आपकी तरक्की से जिन मित्रों, परिजनों, रिश्तेदारों को जलन होती है और जो आपकों आगे बढ़ते हुए देखकर कूढ़ते हैं, उनमें आपके विषय मे नकारात्मक बहस होती है जैसे कि कोई आपको मूर्ख कहेगा तो र्कोई पागल तथा कोई कायर, कामचोर, बर्बाद करने वाला, तो कोई बेवकूफ कहेगा। इस तरह वे दूसरों में भी आपकी नकारात्मकता को ही प्रकट करेंगे। शवे आपकी प्रशंसा न करेंगे और न ही सुनना चाहेंगे। उनके सामने आपकी प्रशंसा करने वाला भी उनकी नजर में बुरा बन जाता है।

आपने ईश्वरीय योजना के अनुसार सद्मार्ग को चुना है आपने दिल की गहराइयों से समझा है कि इस मार्ग पर चलने की प्रेरणा परमात्मा ने आपकों उपहार में दी है और आपका यह परम सौभाग्य है कि आपके इस मार्ग पर चलने की शक्ति भी ईश्वर ने ही दी है। आप जानते हैं कि ईश्वर ने आपके चारों ओर तमाम रिश्तों के रूप में प्रशिक्षक हर क्षण मौजूद हैं जो अपकों प्रशिक्षित कर रहें हैं। ईश्वर ने आपकों यह ज्ञान भी दिया कि आपके जीवन में जब तक धन का अभाव रहेगा तब तक आपका प्रशिक्षण न पूरा हो जाय। लेकिन यह भी आश्वासन दिया कि दुनिया की कोई बाधा आपका मार्ग नहीं रोक सकती है। ईश्वरीय योजनाओं के अनुसार चलने वालों के साथ कोई धन की कमी नहीं होती है लेकिन कुछ नकारात्मक व्यवहार, विचारों वाले लोग इसी बात से आपको नीचे गिराने की असफल कोशिशें करते रहते हैं।

यह अपका परम सौभाग्य है कि उन्ही लोगों को आप अपना हितैशी मानते हैं वे लोग आपकी आलोचना करके आपको मजबूत बनाते है। दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपके कार्य से बेहद खुश होते हैं वे आपको समझ पाते हैं परन्तु ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम होती है लेकिन ईश्वर आपके पास ऐसे दानी, विद्धान व्यक्तियों को अवश्य भेजते हैं कि वे ज्ञान एवं धन दोनों भरपूर मात्रा में देकर आपकों आगे बढ़ने में मदद करते है। आपकी आस्था के अनुरूप ही मिलता हैं।

वे लोग जब आपके कार्यों के विषय में दूसरों से इस भावना से जानकारी लेने की कोशिश करते है कि आप असफल कब हो रहे हैं? अर्थात उनका ध्यान आपकी असफलता पर केन्द्रित रहता है, वे आपके आस-पास के लोगों से आपकी सफलता नहीं अपितु आपकी असफलता के विशय में जानने की जिज्ञासा रखते हैं तथा उनकी ऐसे व्यक्ति से चापलूसी भरे अन्दाज में मित्रता भी हो जाती है जो आपके विपक्ष में उनके हां में हां मिलाते हैं। आप को ऐसे व्यक्तियों से नफरत, घृणा नहीं अपितु सहानुभूति रखनी चाहिए। वे आपको नीचा दिखाने की भावना से खुद को ही नीचे गिरा रहे हैं वे बेचारे दुःखी अवस्था में हैं। 

मात्र धन के लिए वे आपको बार-बार अपमानित करने की तुच्छ हरकतें करते रहते हैं लेकिन आपको अपनी सफलता को पहचानने की लगातार कोशिशें करते रहनी हैं आपका प्रशिक्षण कठिन से कठिन हो सकता है। अतः आप को अपने धैर्य की सीमा को पार करने की गलती नहीं करनी है। यही तो आपकी सच्ची परीक्षा है। वे अपने आपको हर बार नीचे गिराते जा रहें हैं और आपका कुछ नहीं बिगड़ने वाला आप जानते हैं कि ‘‘जो लोग खुद ही निम्न स्तर पर होते हैं वही दूसरों को नीचे झुकाने की मूख्र्रता करते हैं।‘‘

‘‘समझदार व्यक्ति ऊंचे स्तर पर इसलिए होते हैं कि वे निम्न स्तर पर रहने वालों को भी ऊपर उठाने की सार्थक कोशिश करते हैं।‘‘ आपके जीवन में जब अपने प्रति दुव्र्यवहार करने वाले को माफ कर देने की अवस्था आ जाये तो यह समझिए कि आप सकारात्मक सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

आत्मसंयम का होना आपकी सफलता का मूलमंत्र है। यह एक अद्भुत शक्ति है जिसको आप विपरीत परिस्थितियों में सिद्ध करने का सुनहरा अवसर नहीं खोना चाहते। आप यह अनुभव कर पाते हैं कि आपके भीतर की अद्भुत शक्ति आपको अनन्त शक्ति के स्रोत से जोड़कर आपको ऊर्जावान बना रही है और आप उन बुरी शक्तियों को दूर बैठे-बैठे नष्ट कर देते हैं आपने अपने भीतर के शाश्वत को अनुभव किया है वे जागृत अवस्था में प्रकट होने लगती हैं। आपका आत्म-सम्मान सन्तुलित एवं निश्पक्ष व्यवहार करने में प्रशिक्षित होने लगता है। ऐसी अवस्था में बुरी शक्तियां विचलित एवं विक्षिप्त महसूस इसलिए करती हां कि वे आपको स्वयं से कई गुना ऊपर एवं शक्तिशाली मानती हैं। उनके तुच्छ प्रभाव को आपके भीतर से निकलने वाली शुभ एवं सकारात्मक ऊर्जा जो अत्यन्त शक्तिशाली होती हैं प्रभावहीन कर देती हैं और उनका मनोबल स्वतः ही टूट जाता है। दूसरी तरफ अच्छी शक्तियां आपसे जुड़कर आपकी मदद करने के लिए प्रकट हो जाती हैं। 

संस्कारों में युद्ध होता है। आपकी शुभ शक्तिया आपके चारों ओर आभामण्डल बनाकर नकारात्मक अर्थात् बुरी शक्तियों से आपकी रक्षा करती हैं। मतलब आपको मात्र सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करके अपने चारों ओर फैलाते रहना है अर्थात् आपको अपने भीतर के प्रकाश को जलाये रखना है। नकारात्क ऊर्जा आपको स्पर्श भी नहीं कर पायेगी अर्थात् अन्धेरा आपके ऊपर हावी नहीं हो पायेगा और आप सुरक्षित अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं।

आप यह अच्छी तरह जानते हैं कि लोग आपका विरोध करने वाले हैं लेकिन वह एक खतरनाक नकारात्मक ऊर्जा है जिस पर आपको ध्यान नहीं देना है अपितु उसे भूल जाना हैं। आपको मात्र अपने आन्तरिक जगत में ध्यान लगाना है शेष सब अपने प्राकृतिक नियम के अनुसार होता रहेगा।
‘विश्वास के नियम को समझने वाले कभी असफल नहीं होते हैं यही प्राकृतिक नियम है।‘
लेखक- एस0 एन0 प्रजापति
अध्यक्ष- ब्रायन ट्रेसी प्रेरक समिति
मो.- 9451946930
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13 March 2020 at 20:13

thanks

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