हर दिन एक उपहार के समान है.
Lucknow : किसी को उपहार देना या किसी से उपहार लेने में आपको ख़ुशी अवश्य होती होगी। जब आप किसी मित्र या रिश्तेदार को उपहार देते हैं तब मन में ख़ुशी का अहसास होता है। आपके मन में यह विचार रहता है कि आपके द्वारा दिया गया उपहार सामने वाले व्यक्ति को अच्छा लगे अर्थात् उस व्यक्ति को ख़ुशी हो जिसको आप यह उपहार दे रहें हैं। वास्तव में महत्व उस वस्तु का नहीं अपितु महत्व देने वाले व्यक्ति की भावना का होता है। कोई व्यक्ति आपको कोई वस्तु उपहार में देता है। उस समय वह वस्तु किसी न किसी चीज में ढ़की
कर्मयोगी हर कार्य को अपना सौभाग्य मानकर करते हैं। हर दिन को ईश्वर का दिया हुआ उपहार समझकर जीने की कला विकसित करें। हर दिन के हर कार्य को खुश होकर उसे अपना सौभाग्य मानकर करने से आपका हर दिन सफल हो जायेगा ।
होती है। तब आप उपहार को लेते समय धन्यवाद् देने की औपचारिकता निभाते हैं। ऐसा आप इसलिए करते हैं कि वह उपहार लेते समय आपको अच्छा लगता है क्योंकि देने वाले की भावना भी यही होती है।
आपका जीवन भी ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार ही है। क्या आपने इस जीवन रूपी उपहार के लिए कभी ईश्वर को धन्यवाद दिया है? क्या आपको मालूम है कि इस उपहार को देते समय ईश्वर को कितनी ख़ुशी होती है? आप वही अहसास कर सकते हैं जो अपने साथ महसूस करते है।
जिस तरह आप किसी के द्वारा दिये गये उपहार पर उसको धन्यवाद देते हैं उसी तरह हर एक दिन उपहार में देने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देने से आपके जीवन में समृद्धि आने लगती है। क्योंकि ईश्वर को भी ख़ुशी होती है कि आपको ईश्वर का दिया हुआ उपहार अच्छा लगा। बहुत बार ऐसा होता है कि कितने लोंगो को आज का दिन देखने को ही नहीं मिलता है। क्योंकि वे हमेशा के लिए सोए ही रह जाते हैं। सुबह का सूरज देखने का सौभाग्य ही नही मिल पाता है।
आज के दिन को देखने और जीने का सौभाग्य आपको प्राप्त हुआ तो वह भी ईश्वर की कृपा से, अन्यथा आपके जीवन में सब कुछ यहीं पर रूक जाता। इसलिए हर दिन को ईश्वर का दिया हुआ उपहार समझकर जीने की कला विकसित करें। हर दिन के हर कार्य को खुश होकर उसे अपना सौभाग्य मानकर करने से आपका हर दिन सफल हो जायेगा । और जब हर दिन सफल होगा तो आपका सम्पूर्ण जीवन ही सफल हो जायेगा ।
’’कर्मयोगी हर कार्य को अपना सौभाग्य मानकर करते हैं।’’
लेखक . एस0एन0 प्रजापति अध्यक्ष. श्री ब्रायन ट्रेसी पे्ररक समिति मो0 9451946930,7505774581
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